Matric Sent Up Exam HINDI Original Question paper 2024

Matric Sent Up Exam HINDI Original Question paper 2024

मेरे प्यारे साथियों जो भी विद्यार्थी 2024 में मैट्रिक की परीक्षा देने वाले हैं तो तो उसे फाइनल मैट्रिक परीक्षा से पहले आपका सेंटर परीक्षा लिया जाएगा इसमें प्रश्न पत्र फाइनल परीक्षा की तरह तैयार किया जाएगा इस परीक्षा का मकसद आपको यह बताना है दोस्तों की आपकी परीक्षा 2024 में कैसा पैटर्न रहेगा क्योंकि यह जो परीक्षा होने वाला बिल्कुल बिहार बोर्ड के द्वारा जारी किया हुआ प्रश्न पत्र के द्वारा एग्जाम लिया जाएगा तो आप लोग इस विद्यार्थी इसमें जरूर ज्वाइन होना  है मैट्रिक में 100 ऑब्जेक्टिव और 80 ऑब्जेक्टिव पूछे जाने

 

मैट्रिक सेंट परीक्षा कब और क्यों होता है ?

मैट्रिक सेंट अप परीक्षा हर साल नवंबर में आयोजित किया जाता है यह एग्जाम से पहले एकमात्र परीक्षा है जिसके माध्यम से स्टूडेंट्स अपने तैयारी को परख सकते हैं क्योंकि यह तैयारी किया हुआ क्वेश्चन बिहार बोर्ड के द्वारा आता है और यह प्रश्न पत्र बिल्कुल ओरिजिनल प्रश्न पत्र 2024 यानी कि आगामी बोर्ड परीक्षा के जैसा ही होता है तो सभी विद्यार्थियों को इस परीक्षा में बैठना चाहिए और अपने आप को नापना चाहिए कि वह कितने पढ़े हैं कितना तैयारी उनका हुआ है तो यह परीक्षा जरूर से जरूर आप लोग शामिल हुई है या हर साल नवंबर में आयोजित किया जाता है इस बार 23 नवंबर से एग्जाम स्टार्ट हो गया है

बिहार बोर्ड SENT UP EXAM HINDI ओरिजिनल QUESTION PAPER ANSWER KEY

1 B 11 D 21 A 31 C 41 A
2 C 12 A 22 C 32 C 42 A
3 D 13 A 23 D 33 D 43 C
4 B 14 C 24 A 34 A 44 d
5 B 15 C 25 D 35 B 45 b
6 C 16 A 26 A 36 B 46 b
7 C 17 B 27 B 37 C 47 c
8 A 18 A 28 A 38 48 d
9 A 19 D 29 D 39 A 49 a
10 C 20 A 30 A 40 D 50 b
51 61 71 81 91
52 62 72 82 92
53 63 73 83 93
54 64 74 84 94
55 65 75 85 95
56 66 76 86 96
57 67 77 87 97
58 68 78 88 98
59 69 79 89 99
60 70 80 90 100

सब्जेक्टिव प्रश्न यहां से करें डाउनलोड

   खंड -B 

लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उत्तर 

(i) व्यक्ति की प्रगति की आधारशिला क्या है ?

उत्तर – आत्मनिर्भरता प्रगति की आधारशिला है

(ii) उन्नति की दौड़ में सबसे आगे कौन रहता है ?

उत्तर – जो व्यक्ति समाज में अपने सारे कार्य स्वयं करता है और जरूरत पड़ने पर दूसरों की सहायता करता है, वह उन्नति की दौड़ में सबसे आगे रहता है।

(iii) कौन व्यक्ति पिछड़ जाता है ?

उत्तर – अपने कार्य के लिए दूसरे पर निर्भर रहने वाला व्यक्ति पिछड़ जाता है

(iv) सामाजिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ कौन होता है ?

उत्तर – स्वावलंबी व्यक्ति सामाजिक और मानसिक रूप से स्वस्थ एवं शक्तिशाली होता है।

(v) उन्नति के शिखर पर कौन पहुँच जाता है ?

उत्तर – आत्मनिर्भर व्यक्ति अपने जीवन में उन्नति के शिखर पर पहुँच जाता है।

 

गंधाश (ख)

(i) एकता कौन नहीं चाहता ?

उत्तर – कोई भी शासक अपना प्रभुत्व जमाने के लिए जनता में एकता नहीं चाहता ।

(ii) अंग्रेजों ने भारत की एकता खंडित क्यों की ?

उत्तर – अंग्रेजों ने भारत में राज करने के लिए यहाँ की एकता खंडित की।

(iii) अंग्रेजों ने भारत पर कितने वर्षों तक शासन किया ?

उत्तर – अंग्रेज लगभग दो सौ वर्षों तक भारत पर शासन करते रहे।

(iv) अंग्रेजों ने भारत में कौन नीति अपनाई ?

उत्तर – उन्होंने ‘फूट डालो और राज करो की नीति अपनाई ।

(v) अब हमें किस प्रकार रहना चाहिए ?

उत्तर – अब हमें जाति, धर्म और क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर आपस में मिलजुल कर रहना चाहिए ।

 

(3) (ख) उत्तर –

भूमिका – जीवन को आनंदपूर्वक जीने के लिए विद्या और अनुशासन दोनों आवश्यक है अनुशासन भी एक प्रकार की विद्या है । अपने दिनचर्या को अपने बोल चाल को कोअपने रहन-सहन कोअपने सोच विचार अपने समस्त व्यवहार को व्यवस्थापित करना ही अनुशासन है

छात्र जीवन मे अनुशासन का महत्त्व : अनुशासन का महत्त्व सर्वत्र है। जीवन में कदम-कदम पर अनुशासन का महत्त्व है। निरंकुश जीवन स्वेच्छाचारिता का शिकार होकर लक्ष्य से भटक जाता है। विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का विशेष महत्त्व है। यह जीवन का निर्माणकाल होता है। इस काल में अनुशासन की महत्ता सर्वाधिक होती है। इस समय घर में माता-पिता और बड़ों की बातें मानकर अनुशासित जीवन जीना चाहिए। विद्यालय में एक आदर्श विद्यार्थी कहलाने के लिए अनुशासन का पालन अनिवार्य है। इसके लिए विद्यालय के नियमों, अपने अध्यापक एवं प्रधानाचार्य की आज्ञा का पालन करना अत्यावश्यक हो जाता है। इतना ही नहीं, विद्यालय की संपत्ति को नुकसान न पहुँचाना तथा अपने आसपास साफ़-सफ़ाई रखना अनुशासन के ही अंग हैं। दुर्भाग्य से विद्यार्थी अनुशासनहीनता पर उतरकर अवांछनीय कार्यों में शामिल हो जाते हैं।

अनुशासनहीनता का दुष्प्रभाव – अनुशासनहीनता का दुष्प्रभाव अलग-अलग रूपों में नज़र आता है। अनुशासनहीन विद्यार्थी का ध्यान पढ़ाई में नहीं लगता है। वह पढ़ाई में पिछड़ता जाता है। वह लक्ष्यभ्रष्ट होकर माता-पिता की अपेक्षाओं पर तुषारापात करता है। अनुशासनहीन छात्र विद्यालय परिसर में अपनी ताकत दिखाने के लिए छात्रों को अपने साथ मिलाने का प्रयास करते हैं।

अनुशासनहीनता रोकने के उपाय – अनुशासनहीनता रोकने का पहला उपाय है-आत्मानुशासन में रहना। यदि व्यक्ति अपने शासन में रहता है तो यह समस्या नहीं आती है। इसके अलावा छात्रों को नैतिक शिक्षा अवश्य दी जानी चाहिए। छात्रों के साथ मित्रवत व्यवहार करना, उनकी बातें सुनकर उनकी समस्या का निवारण करने से अनुशासनहीनता रोकी जा सकती है।

उपसंहार – जीवन में सफलता पाने के लिए अनुशासन बहुत

आवश्यक है। अनुशासन हमें अच्छा मनुष्य बनने में सहायता करता

है। हम सबको अनुशासनबद्ध जीवन जीना चाहिए।

 

4. अपने प्रधानाध्यापक के पास एक आवेदन पत्र लिखे, जिसमे विद्यालय पुस्तकालय हेतु भीमराव अंबेदकर तिखित पुस्तक मँगवाने का निवेदन किया गया हो 1 * 5 = 5

उत्तर –

प्राचार्य

अ ब स विद्यालय

आगरा विस्तार

उत्तर प्रदेश

दिनांक – 27-XX-20XX

विषय- पुस्तकें मँगवाने हेतु प्रार्थना-पत्र

महोदय,

मैं आपके विद्यालय में कक्षा का छात्र हूँ। हमारे विद्यालय में प्रत्येक कक्षा का एक कालांश पुस्तकालय का होता है। हम सभी पुस्तकालय जाते हैं, लेकिन पुस्तकालय में पुस्तकों की बहुत कमी है, विशेष कर हिन्दी की।

हमारे पुस्तकालय में हिन्दी के प्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकों की कमी है। हम हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध लेखकों की जीवनी पढ़ना चाहते हैं, कुछ कक्षाओं में लेखकों की जीवनी को विषय के तौर पर पढ़ाया भी जाता है। परन्तु हिन्दी की बढ़ावा देने के लिए इन प्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकें मँगवाना जरूरी हो गया है।

हम सभी आप से अनुरोध करते हैं कि हिंदी के प्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकें जल्द से जल्द मँगवाने का आदेश दें जिससे हम जल्द लाभ उठा सकें।

सधन्यवाद,

प्रार्थी,

सभी विद्यार्थी

5. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर प्रत्येक लगभग 20-30 शब्दों में 5x 2 = 10

(i) विष के दाँत शीर्षक पाठ में, सेन साहब के परिवार में बच्चो के पालन पोषण में किए जा रहे लिंग आधारित भेद भाव को लिखें ।

उत्तर- सेन साहब के घर में पाँच लड़कियाँ और एक लड़का है। कहने को सभी सेन साहब की सन्तान है। किन्तु, लड़कियों और लड़के के रहन-सहन, शिक्षा, लाड़-प्यार में लिंगजनित बहुत विषमताएँ हैं। लड़कियों को अलग तालीम-शिक्षा, बोलना-चलना सिखाया गया है। किन्तु खोखा के लिए इन सबकी कोई सीमा नहीं। लड़कियाँ जोर से हँसती नहीं, किसी चीज को तोड़ती-फोड़ती नहीं, शाम का वक्त छोड़कर कभी खेलती नी नही जवकि खोखा इन सबका अपवाद है। सेन साहब का कहना है कि वह इनजीनियर बनेगा ‘ इसलिए अभी से ठोक ठाक करना जरूरी है। इस तरह बच्चो के पालन पोषण में लिंग आधारित भेदभाव व्याप्त था

(ii) भारत की ग्राम पंचायतों को किस अर्थ में और किनके लिए लेखक मैक्स मूलर ने महत्त्वपूर्ण बतलाया है?

उत्तर – अत्यन्त सरल राजनीतिक इकाइयों के निर्माण और विकास से सम्बद्ध प्राचीन युग के कानून के पुरातन रूप, उनके महत्त्व और विशिष्टता के ज्ञान पाने वालों के लिए लेखक ने ग्राम पंचायत को महत्त्वपूर्ण बताया है। भारत की ग्राम पंचायतों को लेखक ने स्थानीय स्वशासन के अर्थ में लिया है। यह ऐसी प्रणाली है जिसमें ग्रामीण अपना शासन खुद करते हैं।

(iii) लेखक गुणाकर मुले ने किन भारतीय लिपियों से देवनागरी का संबंध बताया है ?

उत्तर – लेखक ने संस्कृत, प्राकृत, गुजराती, बंगाली तथा ब्राह्मी

लिपियों से देवनागरी का सम्बन्ध बताया है। नागरी या नंदिनागरी भी देवनागरी के समान है।

(iv) संगीत भारती में विरजू महाराज की दिनचर्या क्या थी ?

उत्तर — बिरजू महाराज का आवास दरियागंज में था। वहाँ से प्रतिदिन पाँच या नौ नं० की बस पकड़कर संगीत भारतीय जाना होता था। वहाँ प्रदर्शन का अवसर कम मिला, फिर भी हाजिर रहना पड़ता था।

(v) कवि रेनर मारिया रिल्के किसको कैसा सुख देते थे ? ‘मेरे विना तुम प्रभु’ शीर्षक कविता के आधार पर लिखें ।

उत्तर- कवि अपने कपोलों की नर्म शय्या पर विश्राम कर रही ईश्वर की कृपादृष्टि को सुख प्रदान करता था। वह उसे चट्टानों की ठंडी गोद में सूर्यास्त के रंगों में घुलने का सुख देता था।

(vi) ‘अक्षर ज्ञान’ शीर्षक में ‘क’ का विवरण स्पष्ट कीजिए

उत्तर – माँ बेटा की ‘क’ कबूतर पढ़ाना-लिखना चाहता है। उसका ‘क’ पंक्तियों से नीचे उतर जाता है। कबूतर सीखने के क्रम में कबूतर की तरह इधर-उधर फुदकने लगता है में उसका हाथ इधर-उधर चला जाता है। अक्षर-ज्ञान से वंचित बच्चा माँ कि अक्षर को। माँ से प्रेरित होकर बच्चा अक्षर बोध करता है। अर्थात् पढ़ने-लिखने के क्रम भाव को जानता है

निर्देश — यह प्रश्न पत्र उत्तर मैट्रिक सेंटर परीक्षा हिंदी का क्वेश्चन पेपर है

  SENT UP EXAM CLASS 10TH 2023-24
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सेंट अप एग्जाम नहीं देने से क्या होगा ?

मेरे प्यारे  साथियों अगर आप लोग सेंट अप का परीक्षा नहीं दे पाते हैं या किसी कारण वश फेल हो जाते हैं तो ऐसी स्थिति में आपको फाइनल परीक्षा में बैठने का मौका नहीं दिया जाएगा यानी कि आपका एडमिट कार्ड नहीं आएगा  फिर आप लोग मैट्रिक का परीक्षा नहीं दे पाओगी इसलिए मैट्रिक परीक्षा जो सेंट अप का हो रहा है उसमें पास कीजिए और जरूर से जरूर शामिल हो यह एग्जाम में

 

मैट्रिक फाइनल परीक्षा फरवरी में होगा

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा यह हर साल  एग्जाम आयोजित करता है फरवरी के दूसरे सप्ताह में किया जाता है जो विद्यार्थीगण 2024 में मैट्रिक का परीक्षा देने वाले हैं उन सभी का एग्जाम फरवरी के दूसरे सप्ताह यानी 14 फरवरी से स्टार्ट होगा एग्जाम और यह दूसरे से तीसरे सप्ताह तक समाप्त कर लिया जाएगा इसका रिजल्ट बहुत जल्द ही दे देता है बिहार बोर्ड

 

 

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